CHIEF MUNICIPAL OFFICER

सी. एम. ओ.
IMPORTANT GUIDELINE

 स्वच्छ कोटर नंबर 01 कोटर ।

 स्वच्छ कोटर नंबर 01 कोटर ।

 कुड़ा कचरा केवल कुड़े दान मे डाले।

 पाँच साल के बच्चों को पोलियो की खुराख आवश्य पिलवाये।

 सार्वजानिक स्थानो पर धूम्र-पान न करे।

 जल ही जीवन है इसका सही उपयोग करे।

 पॉलिथीन का उपयोग न करें, पेपर से बने थैलो का उपयोग करेंI

 नगर को स्वच्छ रखना हम सभी का दायित्व है।

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ABOUT NAGAR PARISHAD

निकाय के बारे में

नगर परिषद कोटर जिला सतना (म.प्र.) की स्थापना वर्ष 1980 में की गई । वर्तमान में म प्र नगर पालिका अधिनियम 1961 व उसके अंतर्गत बनाये गये, नियमों सेवह अपने कर्तव्यों को सम्पादित कर रही है । परिषद के मुख्य कर्तव्य व कार्यो का विवरण नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 123 में विर्निदिष्ट है । जो निम्नानुसार है –

  • सार्वजनिक पथों, स्थानों तथा भवनों को प्रकाषित करना|
  • सार्वजनिक पथो, स्थानों तथा मल-नालियों और ऐसे समस्त स्थानों को साफ करना जो प्राइवेट सम्पत्ति न हों और जो सार्वजनिक उपभोग के लिए खुले हों, भले ही ऐसे स्थान परिषद् में निहित हों या न हों, हानिकारक घासपात को हटाना और समस्त सार्वजनिक न्यूसेंस का उपषमन करना|
  • विष्ठा तथा कूड़ा करकट का व्ययन करना और विष्ठा तथा कूड़ा करकट से कम्पोस्ट खाद तैयार करना|
  • आग बुझाना और आग लग जाने की दषा में जीवन एवं सम्पत्ति की रक्षा करना
  • घृणोत्पादक या खतरनाक व्यापारों या व्यवसायों का विनियम या उपषमन करना|
  • सार्वजनिक पथों या स्थानों में से तथा ऐसे स्थलों में से, जो प्राइवेट सम्पत्ति न हों, और जो सर्वसाधारण के उपभोग के लिए खुले हों, भले ही ऐसे स्थल परिषद, में निहित हों या राज्य सरकार में निहित हों, बाधाओं तथा प्रक्षेपित भागों को हटाना|
  • मृतकों की अन्त्येष्टि के लिए स्थान अर्जित करना, उनका अनुरक्षण करना, उनमें तब्दीली तथा उनका विनियमन करना|
  • महामारी या अन्य अकल्पित आपात-स्थिति में मृतकों की अन्त्येष्टि के लिऐ ऐसे विषेष उपाय करना जो विहित प्राधिकारी द्वारा या तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन इस सम्बंध में निदेष देने के लिए सषक्त किसी अन्य प्राधिकारी द्वारा अपेक्षित किए जाएं|
  • खतरनाक भवनों या स्थानों को सुरक्षित बनाना या हटाना तथा अस्वाथ्यकर परिक्षेत्रों का पुनरूद्धार करना|
  • सार्वजनिक पथो, पुलियो, नगर पालिका के सीमा – चिन्हों, मण्डियों, हाटों, वधषालाओं, षौचालयों, संडासों, मूत्रालयों, नालियों, मल-नालियों, जल निकास-संकर्मो, मलनाली से संबंधित संकर्मो, स्नानगृहों, धुलाई के स्थानों, पीने के पानी के नलों, तालाबो, कुओं, बांधो तथा 8 उसी प्रकार के अन्य संकर्मो का निर्माण करना, उनमें परिवर्तन करना और उनका अनुरक्षण करना|
  • कांजी हाउसो की स्थापना करना तथा उनका प्रबंध करना और जहाॅ पषु अतिचार अधिनियम 1871, 1871 का सं (1) प्रवर्तन में हो वहां उस अधिनियम की धारा 4, 5, 6, 7, 12, 14, 17 तथा 19 के अधीन राज्य सरकार और जिला मजिस्ट्रेट के समस्त कृत्य करना|
  • जल के वर्तमान प्रदाय के अपर्याप्त तथा अस्वास्थ्यकर होने के कारण निवासियों तथा घरेलूपषुओं के स्वास्थ्य को खतरे से बचाने के लिए उचित तथा पर्याप्त जल प्रदाय या अतिरिक्त जलप्रदाय को जब तक ऐसा प्रदाय या अतिरिक्त प्रदाय युक्तियुक्त खर्च से प्राप्त किया जा सकता हो, प्राप्त करना और ऐसे जल का नियतकालिक रूप से सूक्ष्म परीक्षण करना,
  • (ड) पथों तथा उद्यानों का नामकरण करना तथा मकानों को संख्याकित करना|

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